Yuvrajpur Ghazipur 232332

जिला मुख्यालय से मात्र 8 किमी दूर गंगा नदी उस पार बसा प्यारा सा गाव युवराजपुर २३२३३२( थाना-सुहवल विकासखंड-रेवतीपूर तहसील-ज़मनिया )

Girish Kant

युवराजपुर गाजीपुर के युवक ने सिनेमाटोग्रॉफी में हासिल किया मुकाम

Shaheed Vishvabhar Singh Yuvrajpur Ghazipur

युवराजपुर प्रवेश द्वार पर युवराजपुर के वीर सपूत शहीद विश्वभर सिंह की मूर्ति

Vivek Singh (BJP Sector Pramukh)

प्रधान मंत्री उज्जावला योजना के अंतर्गत युवराजपुर मे रसोई गैस वितरण करते हुए बीजेपी सेक्टर प्रमुख विवेक सिह

Volleyball Match Ground at Yuvrajpur

गाव के प्रधान प्रतिनिधि श्री दिनेश सिंह (चुनमुन) के प्रयास से गाव मे रात मे वलीवाल मैच भी खेला जा रहा है

People of Yuvrajpur

विजयादशमी (दशहरा) के पावन अवसर पर युवराजपुर के लोग

Yuvrajpur on Google Map

आप उपर गूगल मैप पर क्लिक करके अपने गाव युवराजपुर को गूगल पर देख सकते है- https://www.google.co.in/maps/@25.5792208,83.6501437,16z

Jay Javan Jay Kisan

जय जवान जय किसान (प्यारा सा हरा भरा गाव यहा पर हर प्रकार की खेती युक्त ज़मीन है )

Sunday, 25 June 2017

हजाम और हज़ामत युवराजपुर ग़ाज़ीपुर

#हजाम और #हज़ामत शब्दों के अर्थ, हजाम का मतलब नाई और हज़ामत का अर्थ है बाल की कटिंग से है, हमारे यहाँ हज़ामत की शुरुवात भी #दैविक एवं #धर्मो के परम्परा अनुसार होती है, यह तस्वीर नब्वे के दशक की है जब हमारे मुंडन #संस्कार का प्रयोजन #हिन्दू #रीति #रिवाज़ के अनुसार हमारे पैतृक गांव #युवराजपुर #ग़ाज़ीपुर में वर्षो पहले प्रयोजित किया गया था, शुरुवात पहले गंगा मैया के दर्शन के बाद गांव के देवी देवता के #पूजन के बाद हमारे यहाँ के प्रसिद्ध देवी स्थल #कमाख्या धाम के तरफ बाल के मुंडन प्रकिया के आखिरी चरण को अंजाम दिया जाता है, सर के बाल रूपी मुख का रूपांतरण टकले गंजे स्कल के रूप में हो जाती है
मेरे हरकतों का पता भी इस तस्वीर से भली भाति पता चलता है कि सामने बैठे #मुक्तेश्वरबाबा नाई को #चिड़ाने से लेकर और भी कई शरारती कार्यो को भी मैंने उस दौर में बख़ूबी अंजाम दिया था


गांव तेरे गोद में बचपन सुहाना बीत गया- लव तिवारी

गांव तेरे गोद में बचपन सुहाना बीत गया
चंद गलिया और अपनों में दिन पुराना बीत गया

पनघटों पर भरती गगरी और रात की लोरिया
ऐसी जिंदगी को देखते-2 एक जमाना बीत गया

मैं बड़ा क्यों हुआ और आया क्यों परदेश में
आज कुछ सोचूँ तो रोऊ मुस्कुराना बीत गया

खेत और खलिहान के वो पग डंडों से रास्ते
चिड़ियों की कतुहल के स्वर का आना बीत गया

गांव की गोरी की मुस्काती छवि और प्यार भी
कैसे उनको भूलू मैं उनका शर्माना बीत गया

चाँदनी रातो में छत पर मिलने को बेकरारी सी
थी नजाकत और शराफ़त फिर ख़ामोशी से आना बीत गया

प्रस्तुति- लव तिवारी
रचना- 02-02-17


प्रधान चुनाव विशेष दिसम्बर 2015

01 दिसम्बर 2015 चुनाव का दिन जहा ग्राम प्रधानो की दावेदारी मे सारे प्रत्याशी अपने भाग्य आजमा रहे थे , वही मे एक अलग आनंद की प्राप्ति कर रहा था अपने गाँव के बड़े बुजुर्ग और मित्रो से मिलने का , कुछ और भी रोचक घटनाए सामने से गुज़री जैसे हर एक मतदाता हर एक प्रत्याशी के सामने उसे ही वोट देने की हामी भर रहा था , तो इस बात से किसी एक प्रत्याशी के जीत का दावा तो नही किया जा सकता ,परन्तु कुछ प्रत्याशी की तरफ मतदाताओ का रुझान अधिक था,

हर एक सख्स मुझे लग रहा था अपना ही ..,
किस किस से कहु की उसे आप वोट मत देना

रही बात भावी प्रधान कि तो इस बात का भी पता 13 दिसम्बर को ही चलेगा, हमारी यही मंशा है ,की जो भी चुना जाएगा वो गाँव के हित और विकास की प्रगति को एक नयी राह दिखाएगा


धन्यबाद- लव तिवारी


बाढ़ के दौरान युवराजपुर गाज़ीपुर 22 अगस्त 2016

गाजीपुर। #गंगा में #बढ़ाव का सिलसिला जारी है। नए इलाकों में पानी पसर रहा है। यहां तक कि पानी डीएम के #सरकारी आवास तक में घुस गया है। शास्त्री नगर सहित शहर के अन्य तटवर्ती #बस्तियों में पानी पहुंच गया है। बाढ़ से घिरे जमानियां के देवरियां तथा सब्बलपुर के बांड़ की बस्तियां खाली कराई जा रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सोमवार की दोपहर एक बजे प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा था। जल स्तर 64.80 मीटर पर पहुंच चुका था। वर्ष 2013 के निशान 65.22 मीटर से मात्र 42 सेंटीमीटर जबकि सन् 1978 के हाईलेवल 65.25 मीटर से महज 45 नीचे रह गया है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन दिनेश सिंह ने बताया कि ललितपुर के माताटीला बांध से पानी छोड़ने की मात्रा में कमी आई है लेकिन मध्य प्रदेश के टोंस नदी #रीवा परिक्षेत्र का पूरा पानी लेकर #इलाहाबाद #संगम की नीचे गंगा में पहुंच रही है। उधर चंबल का पानी इटावा के पास यमुना में गिर रहा है। यमुना प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है और गंगा में उसका पानी पहुंच रहा है। गंगा इलाहाबाद में प्रति घंटा दो सेंटीमीटर तथा वाराणसी में एक सेंटीमीटर की #रफ्तार से बढ़ रही है। इं.सिंह ने बताया कि मौजूदा वक्त में गंगा में साढ़े 19 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। बिहार में सोन, कोसी, घाघरा तथा गंटक का पानी भी गंगा में मिल रहा है। इसकी वजह से गंगा के निचले हिस्से में पानी निकलने का प्रवाह प्रभावित हो रहा है। स्थिति यही रही तो हैरानी नहीं कि 23 #अगस्त की सुबह वर्ष 2013 और शाम तक सन् 1978 के #जल स्तर को गंगा पार कर जाएं। उन्होंने बताया कि गंगा की बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभाव गाजीपुर की जमानियां तहसील क्षेत्र में है। वहां के टौंगा, परमानंदपुर, बरईपुर, हसनपुर, नसीरपुर, नकदीलपुर, अठहठा, सब्बलपुर युवराजपुर पटकनिया भानमल राय, कल्यान चक, दुल्लहपुर, साधुपुर उर्फ रामपुर, कल्यानपुर आदि गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं। साथ ही तियरी, केसरुआ, गायघाट, धुस्का, भतौरा, कुतुबपुर, रेहुणा आदि गांव कर्मनाशा की बाढ़ की जद में हैं। एडीएम आनंद शुक्ल ने बताया कि कामाख्या तथा मतसा में एनडीआरएफ की टीम लगाई गई है। चार नावों के साथ टीम में 35 जवान हैं। टीम प्रभावित गांवों की सुरक्षा में लगी है। रेवतीपुर तथा देवरिया में पीएसी के जल सुरक्षा दस्ते को तैनात किया गया है। चार वोट के साथ दल में 35 जवान हैं। इसके अलावा 200 नाव तथा 25 इंजन चालित नावों को राहत कार्य में लगाया गया है। एडीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों से आग्रह किया कि वह फिलहाल नहीं मानें कि गंगा घटने वाली हैं। बेहतर होगा कि सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं।

आज अपने ननिहाल युवराजपुर में नाना संग समाजसेवी प्रवीण तिवारी जी

आज अपने ननिहाल युवराजपुर में नाना संग ::--
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आज बहुत दिनों के बाद अपने ननिहाल गए । नानी के इस दुनिया से विदा होने के बाद आज पहली बार हमारा मन ननिहाल जाने का हुआ । हमारी नानी को गुजरे पाँच साल से अधिक हो गए । हमारे बचपन का अधिकांश समय ननिहाल में ही बीता है । इसलिए हमारे संस्कार पर हमारे ननिहाल का अधिक प्रभाव पड़ा । त्याग और परिश्रम भरा जीवन हम अपने नाना से ही सीखे । हमारे नाना रिटायर्ड फौजी (कैप्टन) इस वक्त 90 साल से ऊपर हैं तब भी वह अपने लिए किसी का सहयोग नहीं लेते । हम अपने नाना में एक आदर्श पिता को देखे और अपने पिता में भी इनको ही खोजते रहे । हमारे तीन मामा हैं । बड़े मामा श्री अविनाश दुबे में भी सेवा भाव कूटकूटकर भरा है । अपने पराये में कोई भेद नहीं । बड़े मामा जितना प्रेम और सेवा अपने माता पिता की करते थे उतना ही अपने बड़े पिता एवं बड़ी मां की भी करते इस वजह से हम कन्फ्यूजन में ही रहते कि इनके असली माता-पिता कौन हैं । सीमित संसाधनों में भी बड़े मामा वेलमेन्टेन ढंग से अधिकारियों की भाँति रहते हैं और किसी भी रिश्ते और संबंध को अपने बल पर निभाते हैं । मझले राकेश मामा भी कोई दुखी-पीड़ित दिखा नहीं कि अपने आप को समर्पित कर देते हैं । किसी की भलाई के लिए अपना जीवन भी संकट में डाल देते हैं । किसी के भी प्रति लगाव दिखाते नहीं परन्तु जरूरत पर सबसे पहले खड़े हो जाते हैं । छोटे मामा राहुल भी संघर्ष की मूर्ति । इनका जज बनना किसी के लिए भी प्रकाश स्तंभ है ।
युवराजपुर के बहुत से लोग जिनको हम मामा कहते हैं । उनमें और अपने सगे मामा में भेद करना मुश्किल है । रामअवतार तिवारी मामा, अजय तिवारी मामा, भानु सिंह मामा, मनोज सिंह मामा, शिब्बू मामा कभी लगा ही नहीं कि ये सारे लोग अलग अलग घर के हैं ।
गंगा के किनारे निवास करने के कारण वहाँ के लोगों में आध्यात्मिकता कूटकूट कर भरा है । भजन कीर्तन संध्या वहाँ खूब होता है । कला वहाँ के खून में है । चाहे वह रंगमंच हो जिसके मिसाल के रूप में हमारे मित्र योगेश विक्रांत और इनके बड़े भाई शांति भूषण को कौन नहीं जानता और संगीत के मामले में लवतिवारी-कुशतिवारी, श्री अजय तिवारी, शिब्बू मामा कौन नहीं जानता ।
महुआ चैनल के मालिक पी के तिवारी भी इसी गाँव के हैं ।श्री अरुण प्रजापति जी आज अपने बल पर पूना में एक बड़ी कंपनी के मालिक हैं ।
शहीद विश्वंभर सिंह की वीरता गाँव के लिए एक मिसाल है ।
कुल मिला कर हम आज जो कुछ भी करते दिख रहे हैं उन सब के पीछे युवराजपुर से बचपन में मिला संस्कार है ।

Saturday, 24 June 2017

युवराजपुर गाज़ीपुर अवैध कब्जा के सन्दर्भ मे मेरी कलाम से

Source from Yuvrajpur Ghazipur Facebook Group

हम कुछ लिख रहे है उससे पहले आप सभी से माफ़ी की भी गुंजाईश रखते है ,
गांव में आज कल एक जुटता का दौर चल रहा है और वो है , एक जूट होकर मंदिर का निर्माण पिछले कुछ समय तक गांव के लोगो ने एक जुटता दिखाकर काली माता की मंदिर का निर्माण एवं बहुत सराहनीय कार्य इस तरह की एक जुटता की हम प्रशंसा भी करते है , काली माता के मंदिर बनने के बाद अब पछिम टोला के शिव जी के मंदिर के पुनःनिर्माण की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा हैं यह भी अपने आप में सराहनीय कार्य है लेकिन गांव के लोगो को दैविक कार्यो को छोड़ सामाजिक कार्यो को कैसे अंजाम दे ये सबसे बड़ा मुद्दा है , गांव में पेड़ नहीं है न ही अस्पताल न खेल का मैदान, सामजिक कार्यो के प्रति लोगो को कैसे अवगत कराये अपने गांव का पानी भी अब दूषित हो गया , मुझे ठीक से नहीं याद है की पानी में फ्लोराइड की मात्रा बड़ी है आर्सेनिक की, आज पानी दूषित होगा कल वायु और आगे मृदा मिटटी , नॉएडा स्थित में आवास पर एक बार बहस छिड़ी मैंने कहा की गांव में बहुत से लोग सहयोग देने को अग्रसर है और अच्छे कामों के लिए कोई पीछे नहीं हटेगा, एक बड़े भैया तुरन्त बोले की 1 लाख की सहयोग राशि मिलाती तो वॉली बाल क्रिकेट का टूनामेंट करा देते,
बहुत कुछ करना है गांव के पूर्वी एवं पश्चिम तरफ के गड़हीयो पर धीरे धीरे लोग कब्जा कर रहे है और पहले की अपेक्षा गड़हियो के आकर में कमी आ रही है इस बात से मैं प्रधान प्रतिनिधि श्री चुनमुन भैया को अवगत करना चाहता हु की गांव में जब गड़ही ही नहीं रहेगी तो गांव का गन्दा पानी कहा जायेगा , यह भी एक गंभीर मुद्दा है इस तरह के मुद्दे को ध्यान दिया जाय वरना आगे की स्थिति और भयानक होगी , अपने गांव का युवा वर्ग अपनी छुट्टी का उपयोग अपनी दीवाली मानाने में यानि ( जुआँ ) खेलने में करता है , और सभी को विकास चाहिए, एक मुद्ददा सबके पास है की सारे काम प्रधान जी ही करेगे , कुछ हम और आप भी कर ले , जिसकी जीतनी छमता हो ,मेरी बातो से किसी को ठेस पहुची हो तो मैं माफ़ी भी मागता हु
प्रस्तुति- #लव_तिवारी
ग्राम सभा- #युवराजपुर जिला- #ग़ाज़ीपुर

14 साल तक Wife से दूर रहा ये राइटर, आमिर को सिखा चुका है भोजपुरी

Source from Dainik Bhaskar
 
इलाहाबाद.अपकमिंग फिल्म 'मिर्जा जूलियट' के राइटर-प्रोड्यूसर शांति भूषण प्रोमोशन के लिए इलाहाबाद पहुंचे। 7 अप्रैल को रिलीज होने वाली फिल्म में प्रेमियों की लाइफ में आने वाले उतार-चढाव देखने हो मिलंगे। यहां इन्होंने लाइफ से जुड़े कई किस्से बताए। उन्होंने बताया, '' बॉलीवुड एक्टर आमिर खान को PK फिल्म के लिए भोजपुरी इन्होंने ही सिखाई। अब तक ये कई फेमस सीरियल की स्क्रिप्ट लिख चुके हैं।'' dainikbhaskar.com 'मिर्जा जूलियट' फिल्म के राइटर की लाइफ से जुड़े कुछ ऐसे ही इंटरेस्ट‍िंग FACTS बता रहा है।

Q. फिल्म 'मिर्जा जूलियट' में दर्शकों को क्या दिखाना चाहते हैं आप ?
A.ये फिल्म खासकर यूपी और बिहार पर आधारित है। कहते है कि प्यार में कई इमोशन होते हैं, कुछ इन्ही पलों को ये फिल्म समेटे हुए हैं।इसमें प्रेमियों की लाइफ में आने वाले उतार-चढाव को दिखाया गया है।
Q.इस फिल्म का डायरेक्टर और स्टार कास्ट कौन हैं?
A. फिल्म का लेखक, प्रोड्यूसर तो खुद मैं ही हूं। इस फिल्म के डायरेक्टर राजेश राम सिंह, हीरो दर्शन और हिरोइन पिया बाजपाई हैं। दर्शन की ये चौथी फिल्म है। इससे पहले वह 'मेरीकाम-सरबजीत' जैसी फिल्मों में बेहतरीन ऐक्टिंग कर चुके हैं। इस 'मिर्जा जूलियट' फिल्म के आधे से ज्यादा सीन पूर्वी यूपी के अहरौरा, मिर्जापुर और बनारस में शूट हुए हैं। कुछ सीनों को हिमांचल प्रदेश के एक धर्मशाला में फिल्माया गया है।
Q.आपका शुरुआती सफर कैसा रहा?
A. इंटर के बाद जब मेडिकल की पढ़ाई करने जब इलाहाबाद से लखनऊ गया तो वहां पहली बार अपनी मूछ मुड़वाई। उसके बाद ऐसी जलालत हुई कि दोबारा इसे करवाने की हिम्मत नहीं हुई। लेकिन थियेटर से जुड़ने के बाद फिर से मूछ मुड़ाना और बड़े बाल रखने का फैशन शुरू हुआ। इलाहाबाद में 12 साल तक संघर्श करने के बाद 2000 में मै मायानगरी मुंबई पहुंच सका।
Q. मुंबई पहुचंने के बाद आपका स्ट्रिगल कैसा रहा?
A. जब मुंबई पहुंचा तो कई रातें स्टेशन पर ही सोना पड़ा। काम की तलाश में भटकता था। इस दौरान जब पहला ब्रेक स्टार प्लस के शो 'कहानी घर-घर की' में मिला। रोल भले ही छोटा सा रहा, लेकिन दो जून की रोटी का जुगाड़ हो गया। उसके बाद सीआईडी, क्राइम पेट्रोल, आहट जैसे कई सीरियलों में काम मिला।
Q. आमिर खान को आपने भोजपुरी हिंदी सिखाई है?
A. जी हां.. मैंने ही सिखाई है, पूरे 2 साल तक उनके और राजकुमार हीरानी के साथ रहा। 2012 में अचानक एक दिन उनके पीए का फोन आया और बोला कि उनसे राजकुमार हीरानी जी मिलना चाहते है। मैं तो चौंक पड़ा। अगले दिन मैं उनके ऑफिस गया तो उन्होंने आमिर खान को भोजपुरी सिखाने की बात कही, और मैं तुरंत तैयार हो गया।

स्वर्गीय मदन मोहन सिंह पूर्व ग्राम प्रधान युवराजपुर ग़ाज़ीपुर

स्वर्गीय मदन मोहन सिंह पूर्व ग्राम प्रधान युवराजपुर ग़ाज़ीपुर 1995- 2000 इनके बाद कमशः प्रधानो कार्यो की विवेचना
1995-2000 मदन मोहन सिंह
2000- 2005 रविन्द्र सिंह
2005- 2010 रविन्द्र सिंह
2010- 2015 अलका सिंह पत्नी मन्टू सिंह
2015- अब तक प्रधानप्रतिनिधि चुनमुन सिंह

1995 से पहले के कार्यकाल के बारे में बहुत कुछ नहीं थोड़ी बहुत जानकारी है , 1995 से पहले आदरणीय गुरु जी श्री ऋषिकांत सिंह जी , जो विकास की रफ़्तार 1995 से 2000 के बिच देखने को मिली उसका मिलाता जुलता रूप भी आगे की राजनीतिज्ञों के द्वारा नहीं मिली ,बस सरकार के द्वारा पैसे की कमी 1995 से 2000 के बीच हम 4 से 8 क्लास के विद्यार्थी रहे और गांव के साथ इस वयक्ति विशेष की कृपा हमारे विद्यार्थी जीवन पर भी पड़ी, उस समय के द्वारान बहुत से कार्य को जैसे सारे गाँवो के सड़को को ईट का रूप खडंजा और पतंजा का निर्माण , गांव के सारे कुओं की मरम्मत , इंद्रा आवास के तहत गांव के हरिजन और निम्न बस्ती में घरो के निर्माण और बहुत से कुछ बाद में विकास की रफ़्तार धीरे हो गयी , पूछे जाने पर सरकार के द्वारा पैसे की कमी का हवाला दिया जाने लगा ,इन सब लिखने के पीछे हमें इस बात की पुष्टि करनी थी कि कौन से प्रधान का कार्यकाल सबसे सरहनीय था, इसे अन्यथा न ले , ये पोस्ट किसी राजनीती दल या राजनितिक मनसे से नहीं लिखी गयी है
धन्यबाद
लव तिवारी
#युवराजपुर #ग़ाज़ीपुर
#उत्तर_प्रदेश
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