गाजीपुर। #गंगा में #बढ़ाव का सिलसिला जारी है। नए इलाकों में पानी पसर रहा है। यहां तक कि पानी डीएम के #सरकारी आवास तक में घुस गया है। शास्त्री नगर सहित शहर के अन्य तटवर्ती #बस्तियों
में पानी पहुंच गया है। बाढ़ से घिरे जमानियां के देवरियां तथा सब्बलपुर
के बांड़ की बस्तियां खाली कराई जा रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक
सोमवार की दोपहर एक बजे प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा
था। जल स्तर 64.80 मीटर पर पहुंच चुका था। वर्ष 2013 के निशान 65.22 मीटर
से मात्र 42 सेंटीमीटर जबकि सन् 1978 के
हाईलेवल 65.25 मीटर से महज 45 नीचे रह गया है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन
दिनेश सिंह ने बताया कि ललितपुर के माताटीला बांध से पानी छोड़ने की मात्रा
में कमी आई है लेकिन मध्य प्रदेश के टोंस नदी #रीवा परिक्षेत्र का पूरा पानी लेकर #इलाहाबाद #संगम
की नीचे गंगा में पहुंच रही है। उधर चंबल का पानी इटावा के पास यमुना में
गिर रहा है। यमुना प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है और
गंगा में उसका पानी पहुंच रहा है। गंगा इलाहाबाद में प्रति घंटा दो
सेंटीमीटर तथा वाराणसी में एक सेंटीमीटर की #रफ्तार
से बढ़ रही है। इं.सिंह ने बताया कि मौजूदा वक्त में गंगा में साढ़े 19
लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। बिहार में सोन, कोसी, घाघरा तथा गंटक का पानी
भी गंगा में मिल रहा है। इसकी वजह से गंगा के निचले हिस्से में पानी निकलने
का प्रवाह प्रभावित हो रहा है। स्थिति यही रही तो हैरानी नहीं कि 23 #अगस्त की सुबह वर्ष 2013 और शाम तक सन् 1978 के #जल
स्तर को गंगा पार कर जाएं। उन्होंने बताया कि गंगा की बाढ़ से सबसे ज्यादा
प्रभाव गाजीपुर की जमानियां तहसील क्षेत्र में है। वहां के टौंगा,
परमानंदपुर, बरईपुर, हसनपुर, नसीरपुर, नकदीलपुर, अठहठा, सब्बलपुर युवराजपुर
पटकनिया भानमल राय, कल्यान चक, दुल्लहपुर, साधुपुर उर्फ रामपुर, कल्यानपुर
आदि गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं। साथ ही तियरी, केसरुआ, गायघाट,
धुस्का, भतौरा, कुतुबपुर, रेहुणा आदि गांव कर्मनाशा की बाढ़ की जद में हैं।
एडीएम आनंद शुक्ल ने बताया कि कामाख्या तथा मतसा में एनडीआरएफ की टीम लगाई
गई है। चार नावों के साथ टीम में 35 जवान हैं। टीम प्रभावित गांवों की
सुरक्षा में लगी है। रेवतीपुर तथा देवरिया में पीएसी के जल सुरक्षा दस्ते
को तैनात किया गया है। चार वोट के साथ दल में 35 जवान हैं। इसके अलावा 200
नाव तथा 25 इंजन चालित नावों को राहत कार्य में लगाया गया है। एडीएम ने
बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों से आग्रह किया कि वह फिलहाल नहीं मानें कि
गंगा घटने वाली हैं। बेहतर होगा कि सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं।
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